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सोमवार, 23 नवंबर 2009

एलएचसी में बीम की टक्कर

पिछले साल सितंबर में तकनीकी खराबी आ जाने के कारण शुरू होने के सात दिन बाद ही बंद हो गई लार्ज हैड्रोन कोलाइडर (एलएचसी) दोबारा चालू हो गई है। यूरोपियन ऑर्गनाइजेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (सर्न) द्वारा विकसित दुनिया की सबसे बड़ी मशीन ने शुक्रवार की शाम को दोबारा काम करना शुरू कर दिया। फ्रांस और स्विट्जरलैंड बॉर्डर के पास जमीन से 175 मीटर नीचे 27 किलोमीटर लंबी सुरंग में बनी इस मशीन में हीलियम के रिसाव के कारण गड़बड़ी पैदा हो गई थी, जिसके बाद इसे पिछले साल 10 सितंबर को बंद कर दिया गया था। सर्न के वैज्ञानिकों का कहना है कि प्रयोग के दौरान वही परिस्थितियां पैदा होंगी जो ब्राह्मांड के निर्माण की थीं, जिसे बिग बैंग भी कहा जाता है। प्रयोग के लिए प्रोटॉनों को इस गोलाकार सुरंगों में दो विपरित दिशाओं से भेजा जाएगा। इनकी गति प्रकाश की गति के लगभग बराबर होगी और जैसा कि वैज्ञानिक बता रहे हैं प्रोटॉन एक सेकेंड में 11,000 से भी अधिक परिक्रमा पूरी करेंगे। इस प्रॉसेस के दौरान प्रोटॉन कुछ विशेष स्थानों पर आपस में टकराएंगे।