tag:blogger.com,1999:blog-6299914479895363156.post6120223150100660624..comments2023-11-20T02:15:10.107-08:00Comments on voyager: 300 साल पुरानी गुत्थी सुलझी, पता चला कि पृथ्वी के इनर कोर के घूमने की दिशा क्या है?Sandeep Nigamhttp://www.blogger.com/profile/06769468742646278195noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6299914479895363156.post-42578294641610333092015-03-17T02:36:49.649-07:002015-03-17T02:36:49.649-07:00तीसरा अंतरिक्ष का मध्य कहा है? यह भी विज्ञान को नह...तीसरा अंतरिक्ष का मध्य कहा है? यह भी विज्ञान को नहीं मालुम उसका जबाब सुने <br />पृथ्वी का जो अंतिम सीमा है उसको लोकालोक पर्वत कहते है जहा भयंकर अंधकार है किन्तु इस वर्तमान समय में उसे काउल्ला आइजलैंड कहते है और विज्ञान ने इसका नाम ब्लैक हॉल दिया है यह लोकालोक पर्वत पृथ्वी से लेकर ब्रह्माण्ड के अंतिम सीमा तक स्थापित है इसकी लम्बाई तो अभी विज्ञान ने नहीं लगा पाया किन्तु मैं आपको बता देता हूँ ४६०१२२०००० कि० मि० है इसके बीच भाग में सूर्य स्थापित है जिस कारण विज्ञान को अब सूर्य में भी ब्लैकहोल दिखाई देने लगा है और ब्रह्माण्ड में भी इस प्रकार यह तो पथ्वी ब्रह्माण्ड और एलियन के जगह के बारे में बताया है विज्ञान ने २०१२ वर्ष में पृथ्वी का अंत बताया था शायद आप लोगो के लिए हो गया हो किन्तु सम्पूर्ण जीवों की समाप्ति ५० वर्ष के बाद हो जाएगा इससे पहले परमाणु युद्ध होगा उसके कुछ समय बाद छ: दिनतक लगातार सम्पूर्ण विश्व में मूसलाधार वारिश होगी और सम्पूर्ण चीजों को अपना ग्रास बना लेगी इसके बाद मनुष्य के ८४वा अवतार शुरू होगा <br />जहा पथ्वी के मध्य बताया गया है उसके दक्षिण में गंगा जी एलियन प्रदेश से होते हुई पृथ्वी पर गिरती है जिसे आजकल बरमूडा का ट्रैंगल कहते है अब सभी चीजे को आपस में जोर लीजिये अगर विज्ञान की सही जानकारी रखते है तो पृथ्वी और ब्रह्माण्ड कैसे काम कर रहा है वह स्वयं अपने आप स्पष्ट हो जाएगा Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14895678315402612393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6299914479895363156.post-22008505585552752622015-03-17T02:04:54.380-07:002015-03-17T02:04:54.380-07:00दूसरा कारण पृथ्वी का मध्य कहा है? यह भी विज्ञान को...दूसरा कारण पृथ्वी का मध्य कहा है? यह भी विज्ञान को नहीं मालुम जिसको आधार मानकर वह बाते करता? इसका भी जबाब सुने<br />पृथ्वी का मध्य बरमूडा द्वीप है बरमूडा द्वीप के १२ कि० मि० दूर समुन्द्र में ३ कि० मि० गोलाकार के रूप में जो पृथ्वी से तेज निकल रहा है वही पृथ्वी का मध्य है इस तेज को विज्ञान ने मैगनेटिक फिल्ड दिया है जिसे वह दूर से ही आकलन कर रहा है किन्तु वह मैगनेटिक फिल्ड नहीं है वह एक प्रचंड सूर्य की भाति गर्म तेज है जिसे आजकल "सुपर-डुपर स्टीम" कह सकते है अगर आप पानी से जो भाप बनाता है वह भाप आपको ७०० डिग्री से कम ताप रहेगा तो वह दिखाई देगा किन्तु अगर इस भाप को ७५० डिग्री से उअपर गर्म करेंगे तो दिखाई देना बंद कर देगा उसे आप या हम नहीं देख सकते उस समय अगर आप उस भाप पर किसी भी प्रकार के लेजर किरणे का ही क्यों ना इस्तेमाल करे वह किरणे उस भाप को आर-पार नहीं कर सकता यही प्रमाण उस जगह का है जिसमे से अतयंत तेज निकलकर एलियन की उस प्रदेश से टकरा रहा है जहा एलियन लोग रहते है इस सुपर-डुपर स्टीम के द्वारा ही जो आप आकाश देख रहे है वह है और विज्ञान एलियन को अंतरिक्ष में ढूंढ रहा है जो उसे कतई नहीं मिलेगाAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14895678315402612393noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6299914479895363156.post-81041862528236971212015-03-17T01:49:58.112-07:002015-03-17T01:49:58.112-07:00किसी भी चीज के बारे में कहने के लिए एक बेस होता है...किसी भी चीज के बारे में कहने के लिए एक बेस होता है इस पोस्ट के माध्यम से आप यह बताने जा रहे है की पृथ्वी कैसी धूमती है? जबकि विज्ञान के सही नजरिया से देखा जाय तो पृथ्वी धूमती ही नहीं है वह स्थिर है. विज्ञान इस समय इस प्रकार से सभी को ज्ञान दे रहा है जैसे एक व्यक्ति रेलगाड़ी में सफर कर रहा है और वह व्यक्ति प्रमाण के साथ सभी को जो उस रेलगाड़ी में सफर कर रहा है उससे कहा रहा है देखो पेड़ चल रहा है, देखो जमीन चल रही है, देखो गॉव चल रहा है, देखो लोग चल रहे है और लोग इस पर विस्वास कर लिया है और वही लोग सभी को गलत ज्ञान परोस रहा है? क्या विज्ञान यह बता सकता है पृथ्वी का मध्य कहाँ है? अंतरिक्ष का मध्य कहा है? पृथ्वी कैसे काम कराती है? इन में से किसी भी बात का जबाब विज्ञान के पास नहीं है? अब सुने विज्ञान के द्वारा बताते है की पृथ्वी नहीं धूमती, सबसे पहले सूरज को ले कर बताते है पृथ्वी पर तीन प्रकार के दिन रात होते है (१) नॉर्थपोल-साउथपोल यहाँ छ: महीने के दिन और छ: महीने की रात होती है (२) पूर्व-पश्चिम, यहाँ 12 घंटे के दिन १२ दांते की रात होती है, (३) उत्तर कोण में दिनरात एक साथ बने रहते है अर्थात पूर्व में अगर दिन है तो दक्षिण दिशा में रात रहती है पश्चिम दिशा में दिन तो उत्तर दिशा में रात रहती है इस प्रकार यहाँ ४ प्रकार के दिन और चार प्रकार की रात हमेशा स्थित रहती है जिसका नाम अलस्का है <br />अब विज्ञान यह बताये की अगर पृथ्वी धूमती है तो जहां अलास्का है वहा पर ही सदैव दिनरात क्यों स्थित रहते है अगर पृथ्वी धूमती तो उत्तर कोण के बजाय यह दिन रात दक्षिण कोण में भी होती पर ऐसा नहीं होता हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14895678315402612393noreply@blogger.com