इलॉन
मस्क स्पेस एक्सप्लोरेशन कंपनी ‘स्पेस-एक्स’
के सीईओ और इंटरनेट पर भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराने वाले ‘पे-पॉल’ के फाउंडर हैं। ‘वॉयेजर’ ने हाल ही में उनसे बातचीत
की, इस बातचीत में इलॉन ने बताया कि उनकी ख्वाहिश है कि उनकी मौत मंगल ग्रह पर हो।
इलॉन मस्क केवल खुद को ही नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को परिवार सहित 2025
तक मंगल ग्रह पर ले जाना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने मात्र 25 करोड़ रुपये की
फीस तय की है। इलॉन
मस्क ने अपने करियर में कई ऐसी चीजें कर के दिखाई हैं, जिन्हें पहले नामुमकिन समझा
जाता था। वो इंटरनेट पर भुगतान की सबसे बड़ी व्यवस्था ‘पे-पॉल’ के सह-संस्थापक हैं। इसके
अलावा वो स्टाइलिश और स्पोर्टी ‘इलेक्ट्रिक कार’ बनाने वाली कंपनी टेस्ला मोटर्स के संस्थापक भी हैं। और पहली निजी
स्पेस एक्सप्लोरेशन कंपनी स्पेस-एक्स की लांचिंग और उसे कामयाब कर दिखाने के साथ
ही उन्होंने सबसे अविश्वसनीय उपलब्धि भी हासिल कर ली। ‘वॉयेजर’ अपने पाठकों के लिए
प्रस्तुत करता है इलॉन
मस्क से बातचीत के मुख्य अंश -
लोगों
को मंगल ग्रह पर ले जाने के लिए आप इतने उत्साहित क्यों हैं ?
क्योंकि हमारे ग्रह पृथ्वी के 4 अरब साल के इतिहास में ऐसा करना पहली
बार मुमकिन हुआ है। ये अवसर शायद लंबे वक्त के लिए रहेगा, और मैं ऐसी उम्मीद भी
करता हूं, लेकिन शायद ऐसा न भी हो। मानव सभ्यता के सामने जो खतरे हैं, हमें उनसे
फायदा उठाना चाहिए। जरूरी नहीं है कि पूरी मानव जाति का कभी विनाश ही हो जाए। मैं
जिस चीज का सपना देख रहा हूं, टेक्नोलॉजी के महासागर में वो बस एक बूंद के समान
है।
मंगल पर जाने की जरूरत ही क्या है? जब मार्स एक्सप्लोरेशन रोवर्स और क्यूरियोसिटी जैसी टेलीप्रजेंट
रोबोटिक्स की शानदार मशीनें हमें मंगल पर मौजूद होने का अनुभव करवा रही हैं?
शायद हम थोड़े रोमांटिक हो रहे हैं, लेकिन मैं
मानता हूं कि मंगल पर व्यक्तिगत रूप से मौजूद होने से इस ग्रह के बारे में हमारी
समझ में बहुत बड़ा बदलाव आएगा। रोबोटिक्स से हमें शानदार मदद मिल रही है और हम
काफी कुछ सीख भी रहे हैं, लेकिन मंगल पर मानव की मौजूदगी का विकल्प रोबोट कभी नहीं
हो सकते। मंगल पर एक स्थायी बेस के होने से और पृथ्वी और मंगल के बीच लोगों की
लगातार आवाजाही से टेक्नोलॉजी के विकास को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा और इससे हम दूसरे
स्टार सिस्टम्स तक सफर करने में सक्षम हो सकेंगे।
जैसेकि हमसे 4 प्रकाश वर्ष दूर मौजूद स्टार सिस्टम
अल्फा सेंचुरी के एक्सोप्लेनेट पर?
मेरे विचार से आप वहां जाने का तरीका खोज सकते
हैं। एक न्यूक्लियर थर्मल रॉकेट की मदद से आप प्रकाश की गति के दसवें हिस्से तक की
रफ्तार आसानी से हासिल कर सकते हैं। इस रफ्तार से अल्फा सेंचुरी तक जाने में हमें
40 साल लग जाएंगे, जो कि एक लंबा वक्त है। अगर आप वाकई अल्फा सेंचुरी जैसी दुनिया
में जाना चाहते हैं तो आपको अपना सफर किशोरावस्था में शुरू करना होगा।
हम इसे कैसे बदल सकते हैं?
‘रैप ड्राइव’ के बारे में कुछ रोचक तथ्य मैंने जाने हैं। आप प्रकाश की गति से तेज
नहीं जा सकते, लेकिन आप स्पेस को मनमाफिक तरीके से मोड़ सकते हैं और इस तरह प्रकाश
की गति से कई गुना तेज रफ्तार के साथ प्रभावशाली तरीके से सफर कर सकते हैं। ये
बेहद हैरतअंगेज और उत्साह से भर देने वाला है। लोग ऐसे जबरदस्त तरीके इस्तेमाल में
ला सकते हैं, ताकि ऊर्जा कम से कम खर्च हो।
क्या आपकी स्पेस एक्सप्लोरेशन कंपनी ‘स्पेस-एक्स’ रैप ड्राइव जैसी चीजों का
इस्तेमाल कर सकती है?
निश्चित तौर पर, हम चाहेंगे कि रैप ड्राइव की
तकनीक हमारे साथ हो।
आपने स्पेस एक्सप्लोरेशन को इनोवेशन और नई तकनीक
से लैस कर दिया है। आप एक पायनियर हैं, पूरी दुनिया की निगाहें आप पर और आपके ‘स्पेस-एक्स’ पर टिकीं हैं। क्या इतनी
ऊंची उम्मीदों के केंद्र में होने से आपको नर्वसनेस होती है?
नहीं, मुझे इससे और आगे बढ़ने, कुछ और
नया-इनोवेटिव करने की ऊर्जा मिलती है। मैं उत्साह से भर जाता हूं। शुरुआत में हमने
भी कई गलतियां की हैं। अपनी चौथी उड़ान में ही हम पहला ऑरबिट पूरा कर सके। अपनी
दूसरी और तीसरी उड़ान में हम अंतरिक्ष के मुहाने तक जा पहुंचे थे, लेकिन और आगे
जाने के लिए जरूरी रफ्तार ही हासिल नहीं कर सके। अगर हमारी चौथी उड़ान सफल नहीं
होती तो हमें ‘स्पेस-एक्स’ का ख्याल छोड़ना पड़ता।
आपका स्पेस एक्स ड्रैगन कैप्स्यूल इंटरनेशनल स्पेस
स्टेशन तक आने-जाने वाला एक मालवाही स्पेसशिप ही है। आप अंतरिक्षयात्रियों को ले
जाना कब शुरू करेंगे?
हमें उम्मीद है कि तीन साल के भीतर हम
अंतरिक्षयात्रियों के साथ पहली उड़ान भरेंगे।
क्या अंतरिक्षयात्रियों के साथ पहली उड़ान में आप
भी शामिल होंगे?
वास्तव में ये नासा पर है,
जो कि हमारे कस्टमर हैं। मैं कुछ खतरनाक सी किस्म की चीजें करने का आदी हूं, जैसे
कि बेहद कम ऊंचाई पर फाइटर जेट को उड़ाना। मेरी कंपनी और बच्चे भी हैं, और मैं
उन्हें बढ़ता हुआ देखना चाहता हूं, इसलिए फिलहाल मैंने अपने खतरनाक शौकों पर लगाम
लगा रखी है। मैं अंतरिक्ष जाना चाहता हूं , लेकिन सबसे पहले नहीं। पहली उड़ान
ऑटोमैटिक पायलट की मदद से होगी, यानि स्पेसशिप पर कोई मानव नहीं होगा।