पृथ्वी से बाहर जीवन की तलाश अगले दशक में पूरी होने वाली है। ये तलाश पूरी हो रही है इस जवाब के साथ कि जिंदगी केवल पृथ्वी तक ही सीमित नहीं है। पृथ्वी के अलावा जिंदगी की मौजूदगी के सबसे शक्तिशाली निशान हमें मिले हैं अपने पड़ोसी ग्रह मंगल से। मंगल पर मौजूद नासा के फीनिक्स मिशन के मुख्य वैज्ञानिक पीटर स्मिथ का मानना है कि अगले दशक तक हम मंगल में जिंदगी के निशान खोजने में कामयाब रहेंगे।
पीटर स्मिथ यूनिवर्सिटी आफ एरीजोना के प्रोफेसर हैं और उन्होंने मंगल पर जीवन के निशान खोजने के लिए भेजे गए फीनिक्स मार्स मिशन में शामिल साइंटिस्टों की टीम का नेतृत्व भी किया था। अप्रैल के दूसरे हफ्ते में यूनिवर्सिटी आफ डेलावेयर में अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने ये कहकर श्रोताओं में सनसनी फैला दी कि मंगल पर जिंदगी के निशान अगले दशक में मिल सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके इस यकीन और आत्मविश्वास की वजह हैं वो अदभुत सुराग जो फीनिक्स ने हमें भेजे हैं। उन्होंने कहा कि मंगल पर जिंदगी की खोज, इस दुनिया और मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी खोज होगी। बहुत मुमकिन है कि मंगल पर जाने वाला अगला मिशन ‘मार्स साइंस लैबोरेटरी’ ही हमें ये सबसे बड़ी खबर भेज दे।
फीनिक्स मिशन मंगल के उत्तरी ध्रुवीय इलाके में 2007 को भेजा गया था, लेकिन सात महीने तक एक ही जगह पर काम करने के बाद फीनिक्स अचानक स्लीप मोड में चला गया। इस साल अक्टूबर में वैज्ञानिक फीनिक्स को दोबारा जगाने की कोशिश करेंगे, लेकिन फीनिक्स अब दोबारा जागेगा, इसकी संभावना कम ही है।
पीटर स्मिथ यूनिवर्सिटी आफ एरीजोना के प्रोफेसर हैं और उन्होंने मंगल पर जीवन के निशान खोजने के लिए भेजे गए फीनिक्स मार्स मिशन में शामिल साइंटिस्टों की टीम का नेतृत्व भी किया था। अप्रैल के दूसरे हफ्ते में यूनिवर्सिटी आफ डेलावेयर में अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने ये कहकर श्रोताओं में सनसनी फैला दी कि मंगल पर जिंदगी के निशान अगले दशक में मिल सकते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि उनके इस यकीन और आत्मविश्वास की वजह हैं वो अदभुत सुराग जो फीनिक्स ने हमें भेजे हैं। उन्होंने कहा कि मंगल पर जिंदगी की खोज, इस दुनिया और मानव सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी खोज होगी। बहुत मुमकिन है कि मंगल पर जाने वाला अगला मिशन ‘मार्स साइंस लैबोरेटरी’ ही हमें ये सबसे बड़ी खबर भेज दे।
फीनिक्स मिशन मंगल के उत्तरी ध्रुवीय इलाके में 2007 को भेजा गया था, लेकिन सात महीने तक एक ही जगह पर काम करने के बाद फीनिक्स अचानक स्लीप मोड में चला गया। इस साल अक्टूबर में वैज्ञानिक फीनिक्स को दोबारा जगाने की कोशिश करेंगे, लेकिन फीनिक्स अब दोबारा जागेगा, इसकी संभावना कम ही है।