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रविवार, 21 नवंबर 2010

प्रो. स्टीफन हॉकिंग से 10 सवाल

सवाल 01 - अगर ईश्वर का अस्तित्व नहीं है, तो फिर दुनिया की हर संस्कृति में भगवान को सर्वशक्तिमान और सर्वोच्च सत्ता क्यों माना गया है? ईश्वर की अवधारणा सार्वभौमिक यानि यूनिवर्सल क्यों है?


प्रो. हॉकिंग - मैं ये दावा नहीं करता कि ईश्वर का अस्तित्व नहीं है। ईश्वर या भगवान एक नाम है जिससे लोग अपने अस्तित्व को जोड़ते हैं और अपनी जिंदगी के लिए जिसके शुक्रगुजार होते हैं। लेकिन मेरी समझ से सौरमंडल के इस तीसरे ग्रह पर जिंदगी और अपनी मौजूदगी के लिए भौतिक विज्ञान के नियमों का आभार मानना चाहिए, न कि भगवान जैसी किसी सार्वजनिक सत्ता का जिसके साथ व्यक्तिगत रिश्ता जोड़कर हम खुद को भुलावे में रखते हैं।

सवाल 02 – क्या कभी ब्रह्मांड का भी अंत होगा? अगर हां, तो इस अंत के बाद क्या होगा?

प्रो. हॉकिंग - एस्ट्रोनॉमिकल ऑब्जरवेशंस बताते हैं कि हमारा ब्रह्मांड फैल रहा है और इसके फैलने की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है। ब्रह्मांड हमेशा ही फैलता रहेगा और इसके साथ-साथ ये और भी ज्यादा अंधकारपूर्ण और खाली जगहों को जन्म देता रहेगा। ब्रह्मांड का जन्म बिगबैंग की घटना से हुआ था, लेकिन इसका कोई अंत नहीं है। कोई ये भी पूछ सकता है कि बिगबैंग से पहले क्या था, लेकिन इसका जवाब भी ये होगा कि जैसे दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर दक्षिण दिशा लुप्त हो जाती है, उसी तरह बिगबैंग से पहले कुछ भी नहीं था। क्योंकि बिगबैंग एक शुरुआत है, इस शुरुआत से पहले कैसे कुछ हो सकता है।

सवाल 03 – क्या आपको लगता है कि मानव सभ्यता का वजूद इतने लंबे समय तक बरकरार रहेगा कि वो अंतरिक्ष में गहरे और गहरे छलांग लगा सके?


प्रो. हॉकिंग - मुझे लगता है कि मानव जाति के पास अपने अस्तित्व को तबतक बचाए रखने के बेहतर मौके हैं जब तक कि हम अपने सौरमंडल को कॉलोनाइज नहीं कर लेते। हालांकि इस पूरे सौरमंडल में हमारे लिए पृथ्वी जैसी माकूल कोई दूसरी जगह नहीं है, इसलिए अभी ये स्पष्ट नहीं है कि जब ये धरती ही जीवन के किसी भी स्वरूप के रहने के लायक नहीं रहेगी, ऐसे हालात में मानव जाति बचेगी या नहीं। मानव जाति के वजूद को ज्यादा से ज्यादा लंबे वक्त तक बरकरार रखने के लिए दूसरे सितारों की दुनिया तक हमारा पहुंचना जरूरी है। अभी इसमें काफी वक्त है। हमें उम्मीद करनी चाहिए कि तब तक हम पृथ्वी पर खुद को बचाए रखने में कामयाब रहेंगे।

सवाल 04 – अगर आप अल्बर्ट आइंस्टीन से बात कर सकते, तो उनसे क्या कहते?


प्रो. हॉकिंग - मैं उनसे कहता कि वो आखिर ब्लैक होल्स में यकीन क्यों नहीं करते। उनके रिलेटिविटी के सिद्धांत के फील्ड समीकरण बताते हैं कि एक विशाल सितारा या गैसों का सघन बादल खुद में ही नष्ट होकर एक ब्लैक होल को जन्म दे सकता है। आइंस्टीन खुद इस तथ्य को जानते थे, लेकिन फिरभी उन्होंने किसी तरह खुद को समझा लिया था कि किसी भी धमाके की तरह हर विस्फोट द्रवमान या वजन को बाहर फेंक देने के लिए ही होता है। यानि वो मानते थे कि सितारों की मौत होते ही एक धमाके के साथ उसका सारा पदार्थ बाहर छिटक जाता है। लेकिन अगर विस्फोट हो ही नहीं और सितारे की मौत होते ही उसका सारा द्रव्यमान बस उसके एक ही बिंदु में सिमटकर रह जाए तो?

सवाल 05 – ऐसी कौन सी वैज्ञानिक खोज या विकास है जिसे आप अपने जीवनकाल में ही साकार होते हुए देखना चाहते हैं?


प्रो. हॉकिंग - मैं चाहूंगा कि मेरे जीवनकास में नाभिकीय फ्यूजन ही ऊर्जा का व्यावहारिक जरिया बन जाए। इससे हमें ऊर्जा की अक्षय आपूर्ति होती रहेगी और वो भी ग्लोबल वॉर्मिंग या प्रदूषण के खतरों के बगैर।

सवाल 06 – मृत्यु के बाद हमारी चेतना का क्या होता है? आप क्या मानते हैं?


प्रो. हॉकिंग - मैं मानता हूं कि हमारा मस्तिष्क एक कंप्यूटर और चेतना उसके एक प्रोग्राम की तरह है। ये प्रोग्राम उस वक्त काम करना बंद कर देता है, जब उसका कंप्यूटर टर्न ऑफ हो जाता है। सिद्धांतत: हमारी चेतना की रचना न्यूरल नेटवर्क पर फिर से की जा सकती है। लेकिन ऐसा करना बेहद मुश्किल है, इसके लिए मृतक की सारी स्मृतियों की आवश्यकता पड़ेगी।

सवाल 07 – आप एक ब्रिलिएंट फिजिसिस्ट के तौर पर मशहूर हैं, आपकी ऐसी कौन सी आम रुचियां हैं, जो शायद लोगों को हैरान कर सकती हैं?


प्रो. हॉकिंग - मुझे हर तरह का संगीत पसंद है, पॉप, क्लासिकल और ऑपेरा, हर तरह का। मैं अपने बेटे टिम के साथ मिलकर फॉर्मूला वन रेसिंग का भी मजा लेता हूं

सवाल 08 – क्या आपको कभी ऐसा लगा कि आपकी शारीरिक अक्षमता की वजह से अपने शोध में आपको फायदा पहुंचा, या इससे आपके अध्ययन में रुकावट आई?


प्रो. हॉकिंग - हालांकि मैं खासा दुर्भाग्यशाली रहा कि मोटर-न्यूरॉन डिसीस जैसी बीमारी की चपेट में आ गया, इसके अलावा जीवन के दूसरे सभी मामलों में मैं खासा भाग्यशाली रहा। मैं खुद को काफी खुशनसीब समझता हूं कि मुझे थ्योरेटिकल फिजिक्स में काम करने का मौका मिला, और अपनी लोकप्रिय किताबों की मदद से मैं जैकपॉट को हिट करने में कामयाब रहा। ये काम के ऐसे कुछ ऐसे गिने-चुने क्षेत्र है, जहां शारीरिक अक्षमता से कोई फर्क नहीं पड़ता।

सवाल 09 – जिंदगी के सभी रहस्यों के जवाब लोग आपसे जानने की अपेक्षा रखते हैं, क्या इससे आपको एक बड़ी जिम्मेदारी का बोध नहीं होता?


प्रो. हॉकिंग - देखिए, जिंदगी की सभी समस्याओं का हल यकीनन मेरे पास नहीं है। फिजिक्स और गणित ये तो बता सकते हैं कि ब्रह्मांड का जन्म कैसे हुआ, लेकिन इनसे मानवीय व्यवहार के रहस्यों को नहीं समझा जा सकता। क्योंकि अभी बहुत से सवालों को सुलझाना बाकी है। लोगों को समझने के मामले में मैं अनाड़ी हूं। दूसरे लोगों की तरह मैं भी अब तक ये नहीं समझ पाया हूं कि लोग किसी चीज पर विश्वास कैसे कर लेते हैं, खासतौर पर महिलाएं।

सवाल 10 – क्या आपको लगता है कि कभी ऐसा वक्त भी आएगा, जब मानव जाति फिजिक्स के बारे में सबकुछ जान-समझ जाएगी?


प्रो. हॉकिंग - मुझे लगता है, कि ऐसा कभी नहीं होगा

35 टिप्‍पणियां:

  1. हॉकिन्स के उत्तर वैसे ही हैं जैसी मैं ने कल्पना की थी। निश्चित ही वे दुनिया की अनमोल निधि हैं।

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  2. खुदा का इनकार करने वाले शायद ये भूल जाते है .. कि जिस विज्ञान को आधार बनाकर वो ऐसा कह रहे है .. वो अपने अंतिम बिंदु पर नहीं अ गयी है .. बस ये अब तक की विज्ञान है ... और आने वाले दिनों में कब क्या नया पता चल जाए ... अभी उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती ... तो अभी खुदा का इनकार करना जल्दबाजी में लिया गया गलत निर्णय ही कहा जाएगा ... फिर चाहे वो आज के कितने ही बड़े वैज्ञानिक ने क्यों न कहा हो ...बस जो कुछ वो कह रहा है वो आज के ज्ञान के आधार पर कह रहा है.... और आने वाला कल अपने साथ क्या क्या ज्ञान लाएगा ...उसकी एक दम ठीक ठीक गड़ना आज नहीं की जा सकती ... आज हमें पता चला की सृष्ठी की रचना और उसका एक खास क्रम में गति करते जाना .. कुछ भौतिक नियमों के आधार पर है .... ये आज की विज्ञान ने बताया ...और आने वाले दिनों में हो सकता है की इन भौतिक नियमों को बनाने वाला भी सामने आ जाये तो कोई अचम्भे की बात नहीं होगी .... अचम्भे की बात तो ये है कि आज हम कुछ थोड़ी सी जानकारी के आधार पर खुदा का इनकार कर देते है ...

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    1. में हिन्दू हूँ. जेसे की आप सभी जानते है. हिन्दू,बोद्ध और जैन धर्म कर्मवाद के सिधांत पर टिका है. कर्मवाद के मूल में आत्मा है. परन्तु मेने कभी आत्मा को देखा नहीं है.
      सेधांतिक रूप से मुझे लगता है आत्मा होती है परन्तु मेने देखा नहीं है इसलिए असमंजस (confuse) रहता हूँ.(क्योकि भगवान् बुद्ध ने कहा है जिस चीज को महसूस करो उसी पर विशवास करो ) इसलिए आपसे निवेदन है की आत्मा को देखने या महसूस करने का तरीका बता

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    2. atma ko parmatma mai milakar hi dekha ja sakta hai or is ko dekhne ka eak hi hai jo sradhha or bhakti hai

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    3. agar tumhare man me janam se hi koi bhagwan ki bat nahi dalta to tum jante bhi nahi ki bhagwan kya hai.........mujhe batao ki bhagwan ka janam kaise hua aur iska proof sahit answer dekar dikhao......

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  3. kahte hain ki aadhi bhari gager( matki) chalak ne lagti hai. yahi hal Bhagwan ko na manna bhi hai. jab hum aur pro. bhi (Qi no.10) ye mante hain ki abhi hum log science ke bare mai bahut kam jante hain, tab bhi bhagwan ko na manna murkhta hi hai. abhi tak to ye bahas hi shuru nahi hui ki aakhir bhagwan kya hai???? kya wo GOD PARTICLE hai ; PROTON hai ; ya Atom ka koi part hai ;ya NIRWAT hai ;ya UNIVERSE hai ; ya ye UNIVERSE hi GOD ka ek chota sa part hai??????

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  4. aaj hum log BIG BANG ke bare mai roj padhte hain. kahte hain ki usi se is Brahamand ki rachna hui. mujhe to wo keval ek anda(egg) footna lagta hai.wo anda(egg) kiska hai ya kidhar se aaya koi nahi janta. abhi aur khoj hogi tab hum kahenge ki ye Universe doosri tarah se bana.

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  5. We are gifted bio computer.

    Nature proposes and disposes us.

    Untouchable part of existence is psychoware and touchable part of existence is somatoware.

    Life energy, emotion, wisdom, skill, attitude are untouchable part of life, it is psychoware. Body and whole touchable existence is somatoware.

    Religion, Philosophy, Tradition and Culture are operating system of life, same as windows or linex in computer.

    Five sensory organs are our input and output device, same as monitor or keyboard etc in computer.

    Mind works as information transformator, it convert information time and information space in real time and real space.

    Orgon energy, say PRAN in Indian mysticism is power to the bio computer.

    It is blend of our emotional expression and bio electrical charges on the surface of our skin at the time of emotion.

    Miracles happen in our life when we are full of this energy and mind is working on something creative information to convert it in reality.

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    Like it?! !

    Feel free to contact for total solution for all walks of life and beyond.

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  6. में हिन्दू हूँ. जेसे की आप सभी जानते है. हिन्दू,बोद्ध और जैन धर्म कर्मवाद के सिधांत पर टिका है. कर्मवाद के मूल में आत्मा है. परन्तु मेने कभी आत्मा को देखा नहीं है.
    सेधांतिक रूप से मुझे लगता है आत्मा होती है परन्तु मेने देखा नहीं है इसलिए असमंजस (confuse) रहता हूँ.(क्योकि भगवान् बुद्ध ने कहा है जिस चीज को महसूस करो उसी पर विशवास करो ) इसलिए आपसे निवेदन है की आत्मा को देखने या महसूस करने का तरीका बताये.

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    1. film nahi dekhate ho kya jab baal hile agyat awaje aaye bina bhukamp ke jhatake lage, ya koi unvisible call kare ya chata mare to samajh jao Aatma hai. ha ha ha

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  7. bhgwan ek vigyan hai jaise aap koi khoj karte hai to aapko kitni asflta milti hai parntu ant me safalta milti hai. kaise? jaise bulb ki khoj- sare prytna karne par bhi adisan ko saflta nahi mili paarntu achank usne apni tabal par bhikhre kachre ko ragad kar iktta kar kiya aur bulb jal uta. aisi kitni hi khoje hai jisme us adrsya satta ka hath hai..waise bhi jab vigyan apne antim bindu par jayega to phir sochega ki ab aage kya. phir yahi soch use bhagwan ki khoj karne par majboor kare gi .waise yakin manye ishwar hai bas usaki khoj karo kisi vigyan ki khoj ki tarah

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  8. stephen hawking ke sabd bahut hi anmol hai aur ye kisi ki bhi zindagi par gahra prabhav chodte hai par main unki "ishwar ka ashtitva nahi hai" is baat se sahmat nahi hun.ishwar ka ashtitva hai aur ye atal satya hai.

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  9. khuda ya bhagwaan ka koi bhautik swarup nahi ye insaano dwara banaya gaya bhram hai iske siwa kuchh nahi......

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  10. agar khuda ya bhagwan ka koi astitva nahi hai to mere bhai jundice ka ilaaj quraan ki ayat padkar mariz ke upar phoonkne se wo theek kaise ho jata hai aur agar aap ko yakeen na ho to sampark kare main proof karunga jabki doctors ke paas iska koi ilaaj nahin hai

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    1. Jab koi garib maar khata hai ya kisi stri ka balatkar hota hai, dharmik sthal tootate hai tab aapaka khud ya bhagwan kaha rahata hai dil me ya dar ke mare..............

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  11. Khuda ko Sirf kya Jundice ka Ilaj hi Aata he ? Shayad Badi-Badi Bimari Ka Ilaj Nahi Aata , Aata hota to vo bhi quraan ki ayat padkar mariz ke upar phookne se wo theek ho jata ............ kyo benami khuda thik kaha na

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  12. Is duniya me god ishwar aur khuda ka koi Astitva nahi hai jise ne dekha na mahsoos kiya .Jara sochiye vo shakti jiske naam par dange aur dharmik yuddha hote hai, pandit padari aur maulvi uske naam par dhrmik sthalo me Mahilao ke saath balatkar karate hai aur laogo ka soshan karate hai vo cheeze agar hoti to Duniya ka chehara aur darawana hota.

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    1. अगर ईश्वर नहीं है तो फिर इस दुनिया की शुरुआत कैसे हुई बिग बैंग थ्योरी का कोई पुख्ता सबूत नहीं है।इस दुनिया के पहले क्या था अगर ये गृह ब्रह्माण्ड नहीं होते तो यहाँ क्या होता।सबसे पहले तुम क्या हो क्या तुम हाथ हो ह्रदय हो कान हो

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  13. mai ye thik manta hu ki wakayi bhagwan nahi hai agar koi bhagwan hota to duniya khatme ki or nahi badh rahi hoti aur ye duniy wakai mai khatm hone hi wali hai ...........

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  14. सर जी आपका ब्लॉग बेहद ही अच्छा है. इस पोस्ट से मुझे भी मेरे कुछ स्वालों का जवाब मिल गया.

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  15. Jab kisi ki lagti h tab use bhagwan yaad aata h kitna bhi nastik ho maje koi

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  16. Jab kisi ki lagti h tab use bhagwan yaad aata h kitna bhi nastik ho maje koi

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  17. Suraj ke niche kuch bhi naya nahi hota.jo ho raha h bho ho chuka h.or jo hone wala h bho bhi ho chuka h.na koi pani bana sakta h na koi aag bana sakta h.na koi haba bana sakta h.ye kon bana sakta h aap sab log jante ho...

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  18. Mere man mein ek sawal hamesha rahata hai ki, agar bhagwan nahi hai..aur uska astitav nahi hai to log marte kyu hai? And I would to ask Mr. Sciencetist, human body grow up and development and finally body destroy. What is the main reason of all these things?

    Please reply

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  19. बहोत ही अछे जवाब है ! मैं आप से सहमत हु .......
    आज तक जो हमे बताया गया है वो सब ही गलत हे
    हकीकत तो कुछ और ही हे जो लोग जानना ही नहीं चाहते बताना चाहो तो धार्मिक मुधे को लेके बेठ जाते हे रियल में भगवन या खुदा देखा किसने हे ..

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