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शुक्रवार, 6 सितंबर 2013

धरती पर सबसे विशाल ज्वालामुखी की खोज


हमारी धरती पर सबसे विशाल ज्वालामुखी की खोज की गई है। ये ज्वालामुखी इतना विशाल है कि इसे पूरे सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा ज्वालामुखी कहा जा रहा है। पृथ्वी का ये सबसे विशाल ज्वालामुखी धरती पर नहीं, बल्कि प्रशांत महासागर के तल पर मौजूद है। ये ज्वालामुखी भौगेलिक आकार में ब्रिटिश या मैक्सिको देशों के जितनी विशाल है। जर्नल नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार जापान के पूर्वी तट से करीब 1609 किलोमीटर दूर मौजूद इस सबसे बड़े ज्वालामुखी का नाम 'टैमू मैसिफ' रखा गया है।
प्रशांत महासागर के भीतर 'शैट्सकाई राइज' नाम की विशाल पर्वतमाला है, जिसका निर्माण 13 से 14।5 करोड़ साल पहले हुआ था। ज्वालामुखी 'टैमू मैसिफ' इसी पर्वतमाला का एक बड़ा हिस्सा है। विशालतम ज्वालामुखी 'टैमू मैसिफ' प्रशांत महासागर के तल में करीब 310798 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैला है।
अब तक 5179 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हवाई के सक्रिय ज्वालामुखी 'मौना लोआ' को पृथ्वी का सबसे विशाल ज्वालामुखी समझा जाता था, लेकिन  अगर आकार के मामले में इसकी तुलना 'टैमू मैसिफ' से की जाए, तो इसके सामने 'मौना लोआ' महज 2 फीसदी ही है। हमारे सौरमंडल का सबसे विशाल ज्वालामुखी 'ओलिंपस मॉन्स' है, जो कि मंगल ग्रह पर है। लेकिन 'ओलिंपस मॉन्स' भी पृथ्वी के इस नए ज्वालामुखी 'टैमू मैसिफ' से केवल 25 प्रतिशत ही बड़ा है।
अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि 'टैमू मैसिफ' एक ज्वालामुखी है या फिर ये कई सारे ज्वालामुखियों का समूह है। ह्युस्टन यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट आफ अर्थ एंड एटमॉस्फियरिक साइंसेज के प्रोफेसर विलियम सागर के मुताबिक 'टैमू मैसिफ' को बनाने वाले बासाल्ट की भारी-भरकम मात्रा को देखने से पता चलता है कि ये केंद्र में मौजूद एक ही रास्ते से बाहर आए हैं। इसलिए निश्चित तौर पर 'टैमू मैसिफ' एक ही और दुनिया का विशालतम ज्वालामुखी है।
2009 में 'शैट्सकाई राइज' पर्वतमाला के अध्ययन के लिए गए एक्सपीडीशन-324 के ओशन ड्रिलिंग प्रोग्राम के सदस्यों ने पता लगाया है कि ज्वालामुखी 'टैमू मैसिफ' की भौगोलिक रचना कुछ इस प्रकार है कि इसका लावा धरती पर मौजूद किसी दूसरे ज्वालामुखी की तुलना में बहुत ज्यादा दूर तक जाता है। विशेष अध्ययन दलों ने 2010 और 2012 में भी इस ज्वालामुखी के बारे में आंकड़े जुटाए हैं। 'टैमू मैसिफ' की कोर से लेकर कई इलाकों से सैंपल इकट्ठे किए गए हैं।
वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ज्वालामुखी 'टैमू मैसिफ' का शीर्ष या टॉप समुद्र की ऊपरी सतह से करीब 6500 फुट नीचे है। पृथ्वी के इस विशालतम ज्वालामुखी का अधिकतर बेस पानी के भीतर ही है और ये करीब 6 किलोमीटर गहरा है।

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