
एलएसयू म्यूजियम ऑफ नेचुरल साइंस के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय दल ने जीवाश्मों के विश्लेषण के आधार पर अंटार्कटिक में गर्म मौसम होने के प्रमाण पाए हैं। उनका कहना है कि अंटार्कटिक में गर्म मौसम का यह दौर कुछ हजार वर्षों तक रहा।
वैज्ञानिकों ने सूक्ष्म जीवाश्मों के लिए जिस 1,107 मीटर तलछट का अवलोकन किया, उसमें दो मीटर मोटी परत में वैज्ञानिकों को बड़ी मात्रा में जीवाश्म मिले। वैज्ञानिकों के अनुसार, तलछट की दो मीटर मोटी पर्त में बहुतायत में जीवाश्म मिलना अंटार्कटिक की बर्फ की परत की तुलना में असामान्य है।
अंटार्कटिक की परत लगभग 3.5 करोड़ वर्ष पुरानी है। ठंडे तापमान की वजह से यहां जलीय पौधे और शैवाल भी नहीं हो सकते। दल की प्रमुख सोफी वार्नी ने कहा नए शोध से हमें जलवायु परिवर्तन को समझने में मदद मिलेगी। दूसरे शब्दों में कहें तो इससे पता चलेगा कि कैसे बाहरी तत्वों ने पृथ्वी के जलवायु तंत्र को प्रभावित किया।
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