नासा के वैज्ञानिक धरती से दूर कहीं जीवन की संभावना तलाश रहे हैं। इस तलाश में वैज्ञानिकों को कामयाबी मिली है शनि ग्रह के चंदमा एन्सेलॉड्स पर। नासा का कहना है शनि के इस चंद्रमा पर तरल पानी हो सकता है। असल में एन्सेलॉड्स के ऊपर से उड़ान भरते हुए नासा के स्पेसक्राफ्ट कसीनी को बफीर्ले बादलों का झुंड मिला। अगर एन्सेलॉड्स पर तरल पानी मिला तो कहा जा सकता है कि यहां जीवन पनपने की अपार संभावनाएं हैं। नासा के मुताबिक, बर्फ का यह गुबार एन्सेलॉड्स पर मौजूद बर्फीले ज्वालामुखियों से निकला है। जब बर्फ के बारीक कणों का विश्लेषण किया गया तो देखा गया कि ये पानी के नेगेटिव आयन हैं। नेगेटिव आयनों का मिलना बताता है कि एन्सेलॉड्स पर सतह के नीचे कोई समंदर बह रहा है। हमारे ग्रह धरती पर भी इस तरह के आयन बहते हुए पानी में मिलते हैं, जैसे झरने या एक-दूसरे से टकराती समुद्र की लहरें। कसीनी के साइंटिस्ट डॉ. ऐंड्रू कोएट्स का कहना है, ये सभी सबूत इस बात की ओर इशारा करते हैं कि शनि के छठे सबसे बड़े चंद्रमा पर जिंदगी के लिए जरूरी बाकी चीजें भी होंगी, जैसे कार्बन और पानी को तरल बनाए रखने के लिए गर्मी। नासा के वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस चंद्रमा के दक्षिणी धुव के नीचे पानी का भंडार हो सकता है। वैज्ञानिक कसीनी को बड़ी मात्रा में मिले बर्फीले गुबार के आकार से भी उत्साहित हैं। कोएट्स के शब्दों में, इन आयनों की इतनी बड़ी तादाद देखकर हम हैरान रह गए। हमें स्पैक्ट्रम में ऐसे कई इलाके दिखे जहां ये बहुत ज्यादा थे। जब इनकी स्टडी की गई तो हमने पानी का वह गुण देखा जिसकी वजह से ये अणु एक-दूसरे से चिपक रहे थे। जीवन की संभावना से जुड़ी यह ताजा खोज जरनल इकरस में छपी हैं।
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