दिल्ली की रहने वाली रीना कौशल दक्षिणी ध्रुव को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। रीना कॉमनवेल्थ देशों की आठ महिलाओं की टीम की मेंबर हैं। कॉमनवेल्थ की स्थापना के 60 साल पूरे होने के मद्देनजर यह ऐतिहासिक अभियान शुरू किया गया था। टीम मेंबर 900 किलोमीटर के बर्फीले अंटार्कटिका को पार करके साउथ पोल पर पहुंचे। इस टीम की लीडर फेलिसिटी एस्टन ने साउथ पोल से भेजे एक मेसेज में कहा कि इस टीम का हिस्सा बनकर मैं बहुत गर्व महसूस कर रही हूं। मेरा मानना है कि अगर हम यह काम कर सकते हैं तो आप वह सब भी कर सकते हैं, जो आपको पसंद है। यही मेसेज हम हर व्यक्ति को भेजना चाहते हैं। टीम के साथ रीना ने रोजाना 8 से 10 घंटे तक स्कीइंग की। बर्फ से ढके धुव तक पहुंचने में टीम को करीब 40 दिन लगे। टीम की हर मेंबर करीब 80 किलो वजन स्लेज पर ढोकर ले जाना पड़ता था, जिसमें खाने-पीने का सामान भी शामिल होता था। सफेद पर्वतों को पार करते हुए और मैदानी इलाकों से गुजरते हुई ये महिलाएं ऐसी जगहों से गुजरीं, जहां चौबीसों घंटे सूरज की रोशनी जैसा अहसास होता है। टीम के हर सदस्य के पास भोजन आदि सामग्री सहित करीब 80 किलो वजन था। रीना कौशल ने इंटरनेट पर जारी एक बयान में बताया कि इस ऐतिहासिक मुकाम तक पहुंचने में हमारी टीम को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। हमने ऐसी बर्फबारी को पार किया, जिसमें सामने कुछ भी नजर नहीं आता था। यहां जेट की स्पीड से हवाएं चलती हैं, जिनकी रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटा से भी ज्यादा होती है। चारों तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आती है। आगे गहरा गड्ढा है या खाई, आप अंदाजा नहीं लगा सकते। टेंपरेचर माइनस 40 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इतनी मुसीबतों के बावजूद हमने हार नहीं मानी और तूफानी हवाओं, छिपी हिम दरारों और शून्य से चालीस डिग्री नीचे तापमान को पीछे छोड़ते हुए हम आखिरकार अपनी मंजिल तक पहुंच ही गए। एस्टन का कहना था कि धरती की सबसे निचले हिस्से पर पहुंचकर हम सातों महिलाओं के चेहरे पर बड़ी मुस्कान खिल रही है। हम यहां पहुंचकर बहुत ग्रेट महसूस कर रहे हैं। इस टीम में भारत के अलावा, ब्रूनेई, साइप्रस, घाना, जमैका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और ब्रिटेन की महिलाएं शामिल हैं। बर्फ से ढके पर्वतों को अपने कदमों तले लाने का काम रीना पहले भी कर चुकी हैं। वह हिमालय की सात चोटियों को भी फतह कर चुकी हैं। इनमें लद्दाख के नन और स्टोक कांगरी जैसे पहाड़ शामिल हैं। रीना के हस्बैंड लवराज सिंह भी एवरेस्ट फतह कर चुके हैं। पेशे से आउटडोर इंस्ट्रक्टर रीना का कहना है कि मैं चाहती हूं कि अपने अनुभवों के जरिए मैं देश की ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को आउटडोर इंडस्ट्री में करियर बनाने में मदद करूं।
nice
जवाब देंहटाएं