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शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

मिशन केप्लर से आई पहली खबर

हमारे सौरमंडल से बाहर एक दूसरी पृथ्वी की तलाश कर रहे नासा की स्पेस ऑब्जरवेटरी मिशन केप्लर से पहली खबर आ गई है। मिशन केप्लर पर सभी की निगाहें टिकीं हैं और सभी बस यही जानना चाहते हैं कि दूसरी पृथ्वी का पता मिला या नहीं? 26 अगस्त की रात नासा ने केप्लर मिशन की पहली महत्वपूर्ण प्रेस कांफ्रेंस में इस सवाल का जवाब तो दिया, लेकिन इशारों में।
मिशन केप्लर ने हमसे 2000 प्रकाशवर्ष दूर एक नया सौरमंडल खोज निकाला है। इस सौरमंडल में हमारे शनि के आकार वाले दो विशाल ग्रह हैं जो एक विशाल सितारे की परिक्रमा कर रहे हैं। लेकिन असली खबर इस सौरमंडल के अंदरूनी हिस्से में छिपी है, यहां पृथ्वी से करीब डेढ़ गुना बड़ा एक पथरीला ग्रह इस सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। तो क्या, दूसरी पृथ्वी यही है? नासा ने इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया है। केप्लर मिशन की नई खोज की ये खबर ऐसे वक्त में आई है जब यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी की सात ग्रहों वाले नए सौरमंडल की खोज की चर्चा जारी है। इससे केप्लर मिशन की खोज के महत्व को लेकर लोगों का ध्यान बंट गया है। केप्लर मिशन की खोज इसलिए महत्वपूर्ण है, कि हम अंतरिक्ष में 2000 प्रकाशवर्ष की गहराई तक झांककर नए सौरमंडल को खोज निकालने में सफल हुए हैं। नासा ने तीन ग्रहों वाले इस नए सौरमंडल का नाम इसके सितारे के नाम पर केप्लर-9 यानि K-9 रखा है और इस सौरमंडल के दोनों बाहरी विशाल गैसीय ग्रहों के नाम केप्लर-9बी, केप्लर-9सी और अंदरूनी हिस्से में मौजूद पृथ्वी से मिलती-जुलती संभावना वाले ग्रह का नाम केप्लर-9ए रखा है।
सबसे बड़ी बात ये कि यूरोपियन साउदर्न ऑब्जरवेटरी धरती पर काम कर रही है, जबकि मिशन केप्लर ऑब्जरवेटरी अंतरिक्ष में। और हमारे सौरमंडल से परे नए सौरमंडलों और ग्रहों की खोज में ये दोनो तरीके कामयाब साबित हुए हैं।

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