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शनिवार, 6 जून 2009
निगाहें ब्लैक होल पर
अनंत शून्य को निहारती विशाल नीली आंख, हमारी पृथ्वी। पृथ्वी की निगाह टिकी है हमारी आकाशगंगा के केंद्र में। हमसे करीब 30,000 प्रकाश वर्ष दूर हमारी आकाशगंगा के केंद्र में एक अनोखी हलचल जारी है, हम जिसका बड़ी गहराई के साथ अध्ययन कर रहे हैं। आकाशगंगा के केंद्र में विशाल सूरज के झुरमुट के पीछे गर्म गैसों के बादल आपस में टकरा रहे हैं, भयंकर तापमान वाली ये दुनिया हर पल गामा किरणों के विस्फोट से थर्रा उठती है। आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद पदार्थ के इस कब्रिस्तान में एक गहरा साया मौजूद है, ये है एक विशाल ब्लैक होल। ये ब्लैक होल वो जगह है जहां गुरुवाकर्षण बल का साम्राज्य कायम है। ब्लैक होल की खोज साइंस की अब तक की सबसे बड़ी खोजों में से है। सैद्धांतिक तौर पर हम इनके अस्तित्व को साबित कर चुके हैं, लेकिन अब तक हम इन्हें देखने में सफल नहीं हुए हैं। अब हम इसी कोशिश में जुटे हैं कि पृथ्वी को एक विशाल आंख में तब्दील कर अपनी आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद ब्लैक होल को देखने के साथ उसकी तस्वीर भी ली जाए। पृथ्वी को विशाल आंख में बदलने का काम करेंगे माइक्रोवेव टेलिस्कोप का एक विशाल नेटवर्क जिसे पूरी धरती पर बिछाया जा रहा है। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि पृथ्वी के घूमने के साथ ही कोई न कोई माइक्रोवेव टेलिस्कोप आकाशगंगा के केंद्र की ओर हमेशा फोकस रहे। आकाशगंगा के केंद्र में मौजूद जिस विशाल ब्लैकहोल को देखने की कोशिश की जा रही है, उसका कोडनेम रखा गया है - सैगिटैरियस ए। इस अनोखे प्रोजेक्ट का संचालन कर रहा है मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी और इस काम में जुटी साइंटिस्टों की टीम का नेतृत्व कर रहे हैं, डॉ. शेप डोलेमैन। डॉ. डोलेमैन की टीम ने सैगिटैरियस ए की एक पहली तस्वीर लेने में कामयाबी भी हासिल कर ली है, यहां दी गई तस्वीर वही है। लेकिन उनकी टीम अब आकाशगंगा के केंद्र में और गहराई तक झांकने की कोशिश में जुटी है। वो उस पल की झलक देखने की कोशिश में जुटे हैं जब पदार्थ ब्लैकहोल की चपेट में आकर उसमें जा गिरता है, और ब्लैकहोल का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण स्पेस-टाइम को तोड़-मरोड़ देता है। इससे हमें पता चल सकेगा कि ब्लैकहोल किस तरह से बनते हैं और बड़े होते हैं। एमआईटी का ये प्रयोग आइंस्टीन की थ्योरी आप रिलेटिविटी का टेस्ट भी है। क्योंकि इसी थ्योरी ने सबसे पहले ब्लैक होल के होने की बात कही थी। डॉ. डोलेमैन की टीम के प्रयोग में अगर आइंस्टीन की थ्योरी आफ रिलेटिविटी टूटती है, तो उन्हें ब्लैक होल नहीं दिखेगा। बल्कि तब उन्हें उससे भी कहीं ज्यादा हैरान कर देने वाली बिल्कुल नई चीज नजर आएगी, जिसके बारे में हम अब तक अंधेरे में हैं।
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