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गुरुवार, 15 जुलाई 2010

भारतीय मानव मिशन का रोडमैप और शुरुआती प्लान तैयार


इसरो ने अंतरिक्ष में मानव भेजने के अपने पहले मिशन का रोडमैप और एक शुरुआती प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के मुताबिक 2013 में पृथ्वी की कक्षा में एक पीएसएलवी लांच वेहेकिल की मदद से एक मानव विहीन 'क्रू-मोड्यूल' स्थापित किया जाएगा। इसरो की योजना है कि दो भारतीयों को पहली अंतरिक्षयात्रा पर भेजा जाए इस दिशा में 'क्रू-मोड्यूल' को कक्षा में स्थापित करना एक महत्वपूर्ण चरण साबित होगा।

इसरो की योजना है कि दो अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष भेजा जाए और वो अपने 'क्रू-मोड्यूल' में रहते हुए एक हफ्ते तक पृथ्वी की कक्षा में परिक्रमा करते रहें। इस सिलसिले में श्रीहरिकोटा स्पेसपोर्ट में एक नया और तीसरा लांच पैड बनाने के लिए इसरो ने 1000 करोड़ की लागत का एक प्रोजेक्ट केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा है। इस तीसरे लांच पैड का इस्तेमाल केवल मानव मिशन के लिए ही किया जाएगा। इसरो से मिली जानकारी के मुताबिक अंतरिक्षयात्रियों के मॉड्यूल की डिजाइन का काम पूरा हो चुका है। इसमें लाइफ सपोर्ट सिस्टम्स, थर्मल प्रूफिंग यानि तापरोधिता और कोई आपात स्थिति की सूरत में अंतरिक्षयात्रियों के लिए एक 'स्केप सिस्टम' को भी शामिल किया गया है। इतना ही नहीं भारतीय अंतरिक्षयात्री कार्यक्रम कुछ ऐसे असरदार ढंग से तैयार किया जा रहा है कि लांच पैड पर ही कोई गड़बड़ी सामने आने पर अंतिम वक्त में भी पूरी लांचिंग को ही रद्द किया जा सके। अंतरिक्षयात्रियों को ले जाने के लिए खास रॉकेट्स भी डिजाइन किए जा रहे हैं, जिनका नाम होगा- ह्यूमन रेटेड वेहेकिल्स।

अंतरिक्षयात्री लैंडिंग यानि घर वापसी कैसे करेंगे इसके लिए दो तरफा तैयारी की जा रही है। सबसे पहले एक सुरक्षित री-इंट्री तकनीक विकसित की जा रही है और दूसरा ये कि जमीन पर लैंडिंग के लिए खास डिजाइन और निर्माण पर भी काम जारी है। ये सारी तैयारियां भारतीय अंतरिक्षयात्री कार्यक्रम के पहले चरण की हैं। दूसरे चरण में अंतरिक्षयात्रियों के लिए खास स्पेसक्राफ्ट विकसित किया जाएगा और तीसरे, यानि अंतिम चरण में अंतरिक्षयात्रियों का चुनाव कर उन्हें अंतरिक्षयात्रा का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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