नासा के फर्मी टेलिस्कोप ने दूर अंतरिक्ष में एक भीषण धमाके को देखा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये धमाका दूर अंतरिक्ष में हुआ गामा किरणों का अब तक का सबसे बड़ा विस्फोट है। नासा के वैज्ञानिक फ्रैंक रेड्डी ने बताया कि गामा किरणों का ये विस्फोट सितंबर 2008 में कैरीना कांस्टेलेशन में हुआ था और इस महाविस्फोट से दृश्य प्रकाश किरण की ऊर्जा के मुकाबले 3000 से लेकर 5 अरब गुना तक ऊर्जा उत्पन्न हुई। ये धमाका किस कदर शक्तिशाली था, इसे इस तरह समझा जा सकता है कि प्रकाश की दृश्य किरण में केवल दो से तीन इलेक्ट्रॉन वोल्ट तक की ऊर्जा ही होती है। जर्मन साइंटिस्टों की एक टीम ने पता लगाया है कि ये धमाका हमसे 12.2 प्रकाश वर्ष दूर हुआ था। अंतरिक्ष में दूरियों को प्रकाश वर्ष से नापा जाता है। प्रकाश की किरण एक साल में जितने दूर तक जा सकती है उस दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। इस हिसाब से देखें तो हमारा सूरज हमसे 8 प्रकाश मिनट और प्लूटो 12 प्रकाश घंटे दूर है। गामा किरणों के इस बेहद शक्तिशाली विस्फोट पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने बताया है कि ये धमाका करीब 9000 सुपरनोवा धमाकों के बराबर था। गामा किरणों का विस्फोट अंतरिक्ष की सबसे चमकदार और सबसे रहस्यमय घटना है और हमने इस रहस्य को बस समझना शुरू ही किया है। माना जाता है कि गामा किरणों का विस्फोट तब होता है जब किसी सितारे का नाभिकीय ईंधन खत्म हो जाता है और उसकी मौत हो जाती है। गामा किरणों के विस्फोट पर निगाह रखना और इसे समझना बेहद जरूरी है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन को फलने-फूलने और आज के विकसित दौर तक पहुंचने में 3 अरब साल का वक्त लगा है। लेकिन गामा किरणों के विस्फोट की घटना अगर हमारे सौरमंडल के आसपास कहीं घट जाए तो पृथ्वी से जीवन का सफाया ठीक उसी तरह हो जाएगा जैसे कि इंजेक्शन की सूई को आग में तपाकर उसमें मौजूद बैक्टीरिया का सफाया किया जाता है।
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