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सोमवार, 1 फ़रवरी 2010

बेवकूफ बन गए शाहरुख-चांद-खान

अगर आप भी अपना नाम चांद पर दर्ज कराना चाहते हैं तो ये इतना मुश्किल काम भी नहीं है। चौंकिए मत। कई ऐसे प्राइवेट ग्रुप हैं जो कुछ पैसे लेकर चांद के किसी क्रेटर को आपका नाम या फिर चांद की जमीन के टुकड़े का मालिकाना हक आपको देने का सटिर्फिकेट बांट रहे हैं। दिल को खुश रखने के लिए खयाल अच्छा है, लेकिन एस्ट्रोनॉमर कम्युनिटी और इंटरनैशनल संगठनों की नजर में इसकी कोई मान्यता नहीं है। यानी न तो चांद पर शाहरुख खान के नाम के क्रेटर की कोई मान्यता है और न ही मायावती को गिफ्ट किए गए चांद के प्लॉट की। कुछ दिनों पहले न्यू यॉर्क स्थित इंटरनैशनल लूनर जियोग्राफिक सोसाइटी ने कहा था कि उसने चांद पर एक क्रेटरयानी गड्ढे का नाम शाहरुख खान रखा है। ये वही संस्था है जो लोगों को चांद पर प्लॉट काटकर इंटरनेशनल लुनर सोसाइटी के नाम से बेच रही है। मायावती को चांद पर प्लॉट इसी संस्था ने दिया है। शाहरुख के नाम पर क्रेटर की खबर आते ही उनके ट्विटर एकाउंट पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। इस वाहवाही में शाहरुख भी बहक गए, दो दिन बाद अपना ट्विटर अपडेट करते हुए शाहरुख ने लिखा अब मेरा एक नाम और है..चांद। उन्होंने ये भी लिखा कि दो दिन तक ट्विटर पर न आने की वजह ये थी कि वो चांद पर गए थे, अपने क्रेटर को देखने। शाहरुख मीडिया पर भी खुश-खुश नजर आए और अपनी नई फिल्म माई नेम इज खान के प्रचार के साथ उन्होंने चंद्रमा के क्रेटर को भी भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बस शाहरुख यहीं बेवकूफ बन गए। कोई बयान जारी करने से पहले वो कुछ नहीं तो मुंबई प्लेनेटोरियम के निदेशक से ही मिल लेते तो उन्हें बात समझ में आ गई होती। लेकिन कामयाबी के शिखर पर भी और ऊंचा उड़ने की ख्वाहिश में वो सब कुछ भूल गए। उन्हें भनक भी नहीं हुई कि ये मामला बॉलीवुड की जबान में कहें तो फिल्म 'बंटी और बबली' में ताजमहल बेच देने जैसा ही है। इंटरनैशनल लूनर जियोग्राफिक सोसायटी एक प्राइवेट ग्रुप है जिसका नाम पहले लूनर रिपब्लिक सोसाइटी था। ये दुनिया भर में मोटी रकम के बदले चंद्रमा पर प्लॉट से लेकर लूनर क्रेटर के नाम बेच रही है या गिफ्ट कर रही है। लेकिन सबको, खासतौर पर भारतीयों को ये जानना बेहद जरूरी है कि चंद्रमा बिकाऊ नहीं है। ये किसी एक व्यक्ति या देश की निजी संपत्ति न पहले कभी था - न है - और न कभी भविष्य में होगा।
चंद्रमा के क्रेटर्स के नामकरण से लेकर हमारे सौरमंडल और पूरे ब्रह्मांड में हम जिन नई-नई चीजों को खोज रहे हैं उनके नामकरण का काम केवल एक एजेंसी करती है, जिसका नाम है इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमी यूनियन। मैंने खुद इस मामले पर जांच की है और मेरे मेल के जवाब में इंटरनैशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (आईएयू) के जनरल सेक्रेटरी इएन कॉबेर्ट ने साफ कहा है कि इंटरनैशनल लूनर जियोग्राफिक सोसायटी चंद्रमा के क्रेटर्स का नाम रखने के लिए अधिकृत नहीं है और शाहरुख के नाम पर क्रेटर का नाम रखना फर्जी है। यूनाइटेड नेशन आउटर स्पेस ट्रीटी के मुताबिक भी खगोलीय स्पॉट और बॉडी को बेचने की इजाजत किसी को नहीं है।

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