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रविवार, 22 फ़रवरी 2009

धूमकेतु से मुलाकात




सोमवार 23 फरवरी की रात जब आप सोने के लिए जाएं तो अलार्म क्लॉक ले जाना न भूलें। 23 फरवरी की रात करीब 1 बजे धूमकेतु लुलिन पृथ्वी के सबसे करीब से गुजर रहा है और बिना किसी टेलिस्कोप की मदद के इसे देखने के लिए सबसे बढ़िया मौका भी यही है। रात एक बजे आसमान के दक्षिणी हिस्से में कॉमेट लुलिन काफी ऊंचाई पर एक सुनहरे सितारे के पास नजर आएगा। ये सुनहरा सितारा दरअसल शनि ग्रह है। रोशनी से रंगी शहरों की रातों में कॉमेट नजर आएगा या नहीं ये कहना मुश्किल है, शनि से मिलने आ रहे इस धूमकेतु को देखने के लिए सबसे अच्छा यही है कि आप शहरों से दूर कहीं ग्रामीण इलाकों में निकल जाएं। धूमकेतु को देखने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आसमान में सुनहरे सितारे से जगमगा रहे शनि ग्रह को ढूंढिए और फिर उसके आसपास गैस के एक धब्बे या रूई के गोले को देखने की कोशिश कीजिए। यही है हरे रंग का धूमकेतु या कॉमेट लुलिन। अगर आपके पास कोई टेलिस्कोप है, तो फिर कहना ही क्या। टेलिस्कोप की मदद से आप हरे रंग के शानदार धूमकेतु और उसकी पूंछ को भी देख सकते हैं। 24 फरवरी की सुबह सूरज निकलने से पहले शनि और कॉमेट लुलिन दोनों सिंह राशि के तारामंडल में एक-दूसरे के करीब नजर आएंगे। ठीक इस वक्त कॉमेट लुलिन पृथ्वी के सबसे करीब यानि करीब 3 करोड़ 80 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। धूमकेतु लुलिन शनि के साथ आपसे भी मुलाकात करने के लिए आ रहा है, उसे देखने का मौका मत गंवाइए। सोने से पहले रात एक बजे का अलार्म लगाएं और निकल पड़िए धूमकेतु के सफर पर।

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