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शनिवार, 6 जून 2009

एलियन्स का ‘पृथ्वी स्टेशन’ व्यावहारिक नहीं !

फिजिसिस्ट एनरिको फर्मी हमारे वक्त के ऐसे मशहूर वैज्ञानिक हैं जिनका मानना है कि इस ब्रह्मांड में हमारे जैसी और हमसे भी उन्नत कई सभ्यताएं अलग-अलग ग्रहों पर मौजूद हैं। फिर सवाल ये उठता है कि उनसे हमारा संपर्क क्यों नहीं होता ? वो आखिर हैं कहां ? ये सवाल बहुत मशहूर है और इसे फर्मी पैराडॉक्स के नाम से जाना जाता है। सर्च फॉर एक्स्ट्रा टेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस यानि सेटी प्रोजेक्ट इसी सवाल का जवाब करीब 40 साल से ज्यादा वक्त से तलाश रहा है। अहम सवाल ये भी है कि अगर ब्रह्मांड में हमारे जैसी या फिर हमसे उन्नत सभ्यताएं मौजूद हैं, तो फिर वो हमारे ग्रह पर कब्जा क्यों नहीं कर लेतीं ? इस पुराने सवाल का ताजा सवाल ढूंढ़ा है पेन्सिलवेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों जैकब डी. हक, मिश्रा और सेट डी बम ने। इन वैज्ञानिकों के मुताबिक एलियन्स की दिलचस्पी हमारी पृथ्वी में इसलिए नहीं है , क्योंकि यहां कब्जा करके एक स्टेशन बनाना उनके लिए व्यावहारिक नहीं होगा। हक, मिश्रा और बम कहते हैं कि हमारे पास दूसरे ग्रहों-चंद्रमाओं पर कालोनी बनाने की टेक्नोलॉजी है, लेकिन फिरभी हम धरती से दूर अपना स्टेशन बनाने बसाने में देरी कर रहे हैं, क्योंकि ऐसा करना व्यावहारिक नहीं होगा। जिस तरह से दूसरे ग्रहों पर स्टेशन बनाना हमारे लिए व्यावहारिक नहीं है, ठीक उसी तरह पृथ्वी पर कब्जा करना भी एलियन सभ्यताओं के लिए व्यावहारिक नहीं होगा।

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