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रविवार, 14 जून 2009

बाल-बाल बचे उल्का से !

अचानक किसी पर आसमान से कोई उल्का आ गिरे....और वो बच जाए ! …तो इसे आप क्या कहेंगे ? ऐसी ही अविश्वसनीय घटना हुई है जर्मनी के एसेन शहर में रहने वाले 14 साल के छात्र गेरिट ब्लैंक के साथ। रोजमर्रा की तरह ब्लैंक एसेन की सड़कों पर मटरगश्ती कर रहा था कि तभी सुपरस्पीड से आसमान से गिरती मटर के दाने जितनी बड़ी उल्का उसके सिर से रगड़ती हुई सड़क पर जा टकराई। अचानक हुए इस हादसे से ब्लैंक एकदम घबरा गया, एक तेज दर्द की लहर उठी और हाथ लगाने पर पता चला कि उसके सिर में तीन इंच लंबा घाव हो गया है। अच्छी बात ये रही कि घाव ऊपरी त्वचा में ही है अंदर सिर की हड्डी में खरोंच भी नहीं आई। मौके पर पहुंचे टेलीग्राफ के रिपोर्टर ने बताया कि वो उल्का ब्लैंक के सिर को रगड़ती हुई सड़क पर इतनी तेजी से जा टकराई कि वहीं पैर जितना बड़ा एक गड्ढ़ा हो गया। इससे पता चलता है कि उस मटर के दाने जितनी बड़ी उल्का की रफ्तार कितनी ज्यादा थी। ब्लैंक यकीनन बाल-बाल बचा है। उससे टकराने वाली उल्का की जांच वाल्टर हॉमैन ऑब्जरवेटरी ने की है।
पृथ्वी के वायुमंडल में हर दिन न जाने कितनी उल्काएं प्रवेश करती हैं, इनमें से ज्यादातर आकार में छोटी ही होती हैं। वायुमंड में प्रवेश के बाद कड़े दबाव और तापमान से ज्यादातर उल्काएं कई छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाती हैं। 7 में से 6 मामले में उल्काओं के ये टुकड़े समुद्र में जा गिरते हैं। धरती और वो भी किसी के ऊपर उल्काओं के गिरने की घटना बहुत दुर्लभ है। फिरभी अगर ऐसा कभी हो तो उल्कापात के बाद कोई जीवित नहीं बच सकता। राजस्थान के एक सीमावर्ती इलाके में कुछ साल पहले दो गड़ेरियों के बीच एक छोटी उल्का आ गिरी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी। इस नजरिए से ब्लैंक वाकई खुशकिस्मत है।

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