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रविवार, 14 जून 2009

दुनिया का पहला सोलर-हाइब्रिड पावर प्लांट

एक छोटी सी जगह पर 30 सोलर पैनल और बीच में एक फूल जैसा टॉवर। क्यो आप यकीन करेंगे कि इन चीजों से इतनी बिजली पैदा होगी जिनसे 70 घरों की ऊर्जा संबंधी जरूरतें पूरी होंगीं। ये है दुनिया का पहला सोलर-हाइब्रिड पावर प्लांट। इस प्लांट के सोलर पैनल इस तरह लगाए जाते हैं कि सूरज दिनभर किसी भी दिशा में हो उसकी रोशनी इन पैनल से रिफलेक्ट होकर बीच के टॉवर पर पड़ती रहे। बीच के इस टॉवर में सोलर रिसीवर लगे हुए हैं जो सूरज की किरणों को सोलर थर्मल इनर्जी में बदल देते हैं, जिनसी मिनी टरबाइन चलने लगती है और बिजली बनने लगती है। इस प्लांट की सबसे खास बात ये कि ये प्लांट दिनभर सूरज की रोशनी से बिजली बनाता है और सप्लाई करता है, सूरज डूबते ही इस प्लांट में लगी गैस से चलने वाली टरबाइन्स ऑन हो जाती हैं, जिससे अंधेरे में भी बिजली बनाने में कोई रुकावट नहीं आती। इस तरह ये प्लांट 24 घंटे बिजली की उत्पादन करता रहता है। ये प्लांट बेहद कम जगह में ही लग जाता है और ये उन दूर-दराज के ग्रामीण या पहाड़ी इलाकों के लिए वरदान है जो बड़े ग्रिड से नहीं जुड़े हैं। इस प्लांट को बायोडीजल, नेचुरल गैस या बायो गैस से भी चलाया जा सकता है। इस तरह ये प्लांट बिजली तो बनाता है लेकिन साथ ही पर्यावरण को भी प्रदूषित नहीं करता।
ये अनोखा बिजली का प्लांट बनाया है इस्राइल की कंपनी औरा ने। कंपनी ने शुरुआत में इस्राइल के ग्रामीण इलाकों में ये प्लांट लगाए हैं और इनका उदघाटन होगा 24 जून को।

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