
आइंस्टीन के पूरे काम को देखें तो E=mc² उतना महत्वपूर्ण नहीं है, दरअसल ये तो स्पेशल थ्योरी आफ रिलेटिविटी का एक बाइप्रोडक्ट भर है...जैसे कि आप किसी स्टोर में महंगा सूट खरीदने गए और साथ में रुमाल का पैकेट आपको गिफ्ट के तौर पर मिल गया हो। E=mc² में कमी निकालने से पहले आइंस्टीन की थ्योरी आफ रिलेटिविटी में कमी निकालनी होगी, उसे अधूरा साबित करना होगा।
दूसरा, लेखक का कहना है कि E=mc² कुछ खास स्थितियों में ही सही नतीजे देता है, सामान्य स्थितियों में इससे गलत नतीजे मिलते हैं। मैं लेखक के प्रति पूरा आदर जताते हुए ये पूछना चाहता हूं कि ये विशेष और सामान्य स्थितियां क्या हैं? और लेखक ने इनकी पहचान कैसे किस आधार पर की कि ये स्थिति विशेष है और ये स्थिति सामान्य? मेरे विचार से विशेष स्थिति सामान्य यानि जनरल है और हर जनरल स्थिति विशेष यानि स्पेशल। बेहतर होता कि आइंस्टीन को उन्हीं के हाल पर छोड़कर लेखक अपना समय किसी ओरीजनल सिद्धांत को खोजने में लगाते।
- अमिताभ पांडे, एस्ट्रोनॉमर
Albert Einstein: Plagiarist of the Century
जवाब देंहटाएंEinstein plagiarized the work of several notable scientists in his 1905 papers on special relativity and E = mc2, yet the physics community has never bothered to set the record straight in the past century.
http://web.archive.org/web/20061024003841/www.jewwatch.com/jew-leaders-einstein-hoax2.html
# The Einstein Hoax
http://web.archive.org/web/20061024003846/www.jewwatch.com/jew-leaders-einstein-hoax3.html