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मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

'तमसो मां ज्योतिर्गमय'

छटपटाहट अंधेरे से उजाले की ओर बढ़ने की ...हमारी ये जद्दोजहद और जिदंगी को हर कीमत पर बचाने की कोशिश, इस तस्वीर में साफ नजर आ रही है। ये तस्वीर रची है प्रकृति की उन ताकतों ने, उस आदि ऊर्जा ने जिसने असंख्य सितारों और ग्रहों को जन्म देकर इस ब्रह्मांड को रच दिया। अंतरिक्ष के गहन अंधकार को चीरकर रोशनी की ओर बढ़ते एक हाथ की तरह नजर आ रही ये तस्वीर ली है नासा की चंद्रा एक्स-रे ऑब्जरवेटरी ने। दरअसल ये तस्वीर है एक मरते हुए सितारे यान नेबुला की, इस नेबुला के चारों ओर बेहद उच्च ऊर्जा वाली एक्स-रे की मानो बाढ़ सी आ गई है। वैज्ञानिकों ने जब इस चंद्रा ऑब्जरवेटरी की इस तस्वीर में नजर आ रही हाई एनर्जी एक्स-रे को नीले रंग में रंगा तो सामने आई...अंधेरे से निकलकर रोशनी को थामने की कोशिश करते एक हाथ की ये अनोखी तस्वीर ।
इस नेबुला से फूट रहा चुंबकीय क्षेत्र हमारी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के मुकाबले 15 अरब गुना से भी ज्यादा शक्तिशाली है। मरते हुए इस सितारे का पदार्थ और इससे फूट रही हाई इनर्जी एक्स-रे 150 प्रकाश वर्ष के दायरे में फैली है। कुदरत के इस अनोखे हाथ का नजारा हमारी पृथ्वी से 17000 प्रकाश वर्ष दूर घटित हो रहा है।

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