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मंगलवार, 3 मार्च 2009

सफर को तैयार, अनोखे मंगल यात्री !

हम सदियों से मंगल ग्रह पर जीवन की खोज कर रहे हैं, लेकिन हमें अब तक कुछ खास कामयाबी नहीं मिली है। मंगल ग्रह पर जिंदगी की खोज ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। हम अब खुद वहां जाने की तैयारियां कर रहे हैं। लेकिन हमसे पहले कुछ खास अंतरिक्षयात्री मंगल के चंद्रमा फोबे पर भेजे जाएंगे। ये खास अंतरिक्षयात्री होंगे हमारे आसपास पाए जाने वाले बैक्टीरिया, बीजाणु और कुछ कीट-पतंगों के साथ हमारी जानी-पहचानी फफूंदी। इन खास धरतीवासियों को मंगल के चंद्रमा पर भेजने का काम कर रही हैं रूसी स्पेस एजेंसी और अमेरिकी प्लेनेटेरी सोसाइटी। इस खास प्रयोग के पीछे मकसद ये जानना है कि धरती के बाहर तीन साल के सफर के दौरान अंतरिक्ष जीवन के इन स्वरूपों पर क्या असर डालता है। मंगल के दो चंद्रमा हैं फोबे और डिमॉस, खास बात ये कि दोनों ही मंगल के प्राकृतिक चंद्रमा नहीं हैं, ये दोनों विशाल उल्काएं हैं जो मंगल के गुरुत्वाकर्षण से खिंचकर उसके करीब आ गईं और अब दो चंद्रमा बनकर उसके चक्कर काट रहे हैं। मंगल के इन दो चंद्रमाओं पर माहौल मंगल के मुकाबले कहीं ज्यादा सख्त और जीवन के लिए बेहद मुश्किल है। मंगल भेजे जा रहे, जिंदगी के ये स्वरूप धरती पर बेहद विपरीत स्थितियों में भी खुद को बचाने में कामयाब रहे हैं। अब देखना ये है कि मंगल के चंद्रमा फोबे का माहौल इनपर क्या असर डालता है। ये प्रयोग बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके नतीजों से हमें मंगल पर जाने वाले पहले मानव मिशन को तैयार करने में मदद मिलेगी।

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