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बुधवार, 23 जून 2010

रहस्यमय 'जियोन्यूट्रिनोज' की खोज !

इटली में एक पहाड़ के नीचे जमीन के भीतर एक विशाल और अनोखी प्रयोगशाला है, जिसका नाम है ग्रान सैसो नेशनल लैबोरेट्री। ये तस्वीर इसी प्रयोगशाला की है, जिसकी दीवारों में टंगे ये हजारों शीशे के गोले दरअसल न्यूट्रिनोज सेंसर हैं, जिनमें हजारों टन तरल हाइड्रोकार्बन और उच्च शोधित पानी भरा है। इस प्रयोगशाला में एक खास प्रोजेक्ट चल रहा है जिसका नाम है बोरेक्सीनो एक्सपेरीमेंट। प्रिंसटन यूनिवर्सिटी समेत दुनियाभर की कई मशहूर यूनिवर्सिटीज और रिसर्च सेंटर्स से जुड़े 88 वैज्ञानिकों की टीम इस एक्सपेरीमेंट प्रोजेक्ट में काम कर रही है। जमीन के नीचे काम कर रहे ये वैज्ञानिक एक खास प्राकृतिक कण की खोज में जुटे हैं जो सूरज से फूटते हैं और सामने आने वाली हर चीज से आर-पार निकल जाते हैं। इन कणों का नाम है न्यूट्रिनोज। लेकिन साइंस में अकसर ऐसा होता है कि वैज्ञानिक खोज कुछ रहे होते हैं और उनके हाथ लग कुछ और जाता है। इस एक्सपेरीमेंट के दौरान भी कुछ ऐसा ही हुआ है, न्यूट्रिनोज की तलाश कर रहे वैज्ञानिकों ने इस प्रयोगशाला के इन हजारों सेंसर्स की मदद से परमाणु से भी बहुत सूक्ष्म अनोखे 'जियोन्यूट्रिनोज' की खोज कर ली है। न्यूट्रिनोज की तरह 'जियोन्यूट्रिनोज' सूरज से नहीं फूटते बल्कि वो धरती की ऊपरी पर्त और गहराई में मौजूद मेंटल में मौजूद रेडियम, थोरियम और पोटैशियम जैसे रेडियोएक्टिव पदार्थों के क्षरण से पैदा होते हैं। सबसे खास बात ये कि वैज्ञानिकों को शक है कि धरती के गर्भ में जारी हलचल को तेज करके ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप जैसी आपदाओं को जन्म देने में 'जियोन्यूट्रिनोज' ही मुख्य भूमिका निभाते हैं।
'जियोन्यूट्रिनोज' की खोज की ये खबर मुझे रोनाल्ड एमरिक की डूम्सडे फिल्म 2012 की याद दिला रही है। इस फिल्म में एमरिक ने महाद्वीपों के खिसकने के लिए सूरज से फूटने वाले न्यूट्रिनोज को जिम्मेदार बताया था। फिल्म की थ्योरी ये थी कि न्यूट्रिनोज जब धरती के गर्भ के मेंटल के संपर्क में आते हैं तो एक नए तरह के कणों को जन्म देते हैं, जो धरती के केंद्र की गरमी को और भी ज्यादा बढ़ा रहे हैं। बहरहाल फिल्म में 'जियोन्यूट्रिनोज' का नाम नहीं लिया गया, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि जियोन्यूट्रिनोज धरती के गर्भ की हलचल को तेज करके ज्वालामुखी विस्फोट और भूकंप जैसी आपदाओं में भूमिका निभा सकते हैं। इस अनोखी खोज में भूमिका निभाने वाले प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने 'जियोन्यूट्रिनोज' के विनाशकारी होने की आशंकाओं से इनकार करते हुए कहा है कि ये सच है कि न्यूट्रिनोज की तरह 'जियोन्यूट्रिनोज' भी अपने सामने आने वाली हर चीज को बगैर नुकसान पहुंचाए भेदते हुए आरपार निकल जाते हैं, लेकिन ये मानना गलत है कि 'जियोन्यूट्रिनोज' किसी विनाशकारी घटना को जन्म दे सकते हैं। '

1 टिप्पणी:

  1. अच्छी ज्ञानवर्धक जानकारी देने वाला ब्लाग है इसे नियमित रूप से पढ़ते रहना होगा।

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